घर का बिजली बिल 60 हजार आया तो खामी उजागर करने बना डाली वेबसाइट
दैनिक भास्कर (5 मार्च )
मोबाइल सुधारकर घर चला रहे एक युवक को जब 60 हजार रुपए का बिजली बिल थमाया गया तो पूरा परिवार सकते में आ गया। गुमाश्ता नगर जोन से जारी हुए बिल को देख अफसर भी मान रहे थे कि गड़बड़ी तो हुई है, लेकिन सुधारने से मना करते रहे। युवक ने बिजली उपभोक्ता फोरम जाकर केस लगाया और जीता भी। बाद में ऐसे गलत और मनमानी के बिलों को उजागर करने के लिए वेबसाइट भी बना दी। इसका प्रचार करने के लिए सोशल मीडिय की मदद ली। अब लोग भी अपने गलत बिल इस वेबसाइट पर पोस्ट कर रहे हैं। पीड़ित युवक बिल ठीक कराने में मदद भी इसी वेबसाइट के जरिए कर रहा है। द्वारकापुरी निवासी अंकित वर्मा ने गलत बिल को सार्वजनिक करने के लिए www.Mpebcorruption.in नामक ये वेबसाइट बनाई है। अब हर महीने जब बिल
जारी होते हैं तो इस वेबसाइट पर औसत 40 बिल पोस्ट हो रहे हैं।
नहीं मानी हार : 8 माह में साबित की मनमानी, जारी करने वाला इंजीनि यर ही सही साबित नहीं कर पाया
अंकित को पिछले साल जून में 60 हजार का बिल आया था। सहायक इंजीनियर, कार्यपालन यंत्री से लेकर एसई ऑफिस तक बिल दिखाया, लेकिन बिल ठीक नहीं हुआ। अंकित ने पोलोग्राउंड स्थित बिजली मामलों के उपभोक्ता फोरम में केस लगाया। जनवरी में अंकित के पक्ष में फैसला हुआ| बिल जारी करने वाले गुमाश्ता नगर जोन के इंजीनियर गलत बिल को सही साबित नहीं कर पाए। अंकित यही उदाहरण वेबसाइट पर शेयर करता है।
बड़ी वजह यह : महीनों अंदाज से लेते हैं रीडिंग, बाद में खपत का लगाते हैं अंदाज
आउटसोर्स कंपनी के मीटर रीडर द्वारा हर महीने रीडिंग नहीं लिए जाने के कारण ऐसे बिल आ रहे हैं। रीडर अंदाज से रीडिंग लिख देते हैं। महीनों तक यह सिलसि ला चलता है। आखिर में जब भी कभी वास्तवि क रीडिंग होती है तो पिछली रीडिंग और मौजूदा रीडिग को देखकर अफसर खपत का अंदाज लगाते हैं और भारी भरकम बिल भेज देते हैं।
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humare ghar bhi 45000 ka bijli bill aaya tha or youtube per aapki video dekhne k baad mene bhi upbhogta forum me case kiya or 6000 bharna pada….. thanks… aap ek bohot achha kaam ker rahe hai
2 saal pehle mere sath bhi esa hi hua tha,